top of page
Search

• कुरूद भिलाई में देवांगन पुराण कथा का आयोजन : वस्त्र निर्माण कर दुनिया को सभ्यता सिखाने वाला समाज है देवांगन समाज : पं. संतोष राव

  • gkdewangan18
  • Feb 13
  • 2 min read

• कुरूद बस्ती भिलाई चल रहे में सात दिवसीय देवांगन पुराण में पहले ही दिन से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है


भिलाई ( देवांगन जन न्यूज)। कुरूद मंडल एवं दुर्ग ग्रामीण ब्लाक देवांगन समाज के तत्वावधान में सात दिवसीय ईष्ट देवी मां परमेश्वरी की यश गाथा "देवांगन पुराण" कथा यज्ञ का आयोजन लीला मंच कुरूद बस्ती में हो रहा है। प्रतिदिन कथा सुनने श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है।

व्यास पीठ पर विराजमान कथावाचक पं. संतोष राव गांगुली ने कथा के चौथे दिन गुरुवार को वस्त्र निर्माण की कथा सुनाई । उन्होंने कथा प्रसंग में कहा कि माता परमेश्वरी ने अपने पुत्र दीपचंद को आदेश दिया कि समस्त देवी-देवताओं और मनुष्य के लज्जा निवारण के लिए वस्त्र का निर्माण करो। माता ने कहा कि समीप के सरोवर में जो कमल खिला है उसके नाल से बारीक रेशा निकाल कर वस्त्र बनाओ। सरोवर में रहने वाले सात राक्षसों ने दीपचंद को कमल का फूल तोड़ने नहीं दिया, तब माता ने कुपित होकर उन सातों राक्षसों का वथ किया। तब जाकर दीपचंद ने कमल के नाल से रेशा निकाल कर वस्त्र निर्माण किया, जो आज हमारी सभ्यता का प्रतीक है। पं. संतोष राव कहते हैं कि वस्त्र निर्माण कर दुनिया को सभ्यता सिखाने वाला समाज है, देवांगन समाज। धर्म, संस्कृति एवं मर्यादा का पालन करने वाला समाज है।

कथा आरंभ के पहले दिन महिलाओं द्वारा शानदार कलश शोभा यात्रा निकाली गई, जो कुरूद बस्ती के प्रमुख मार्गों से होते हुए कथा स्थल पर पहुंची। सुंदर सजे हुए रथ पर पं संतोष राव गांगुली सवार थे। कलश यात्रा में शामिल लोग जस गीत एवं माता सेवा भजन गाते हुए मां की जयकारा लगाते हुए चल रहे थे। कथा स्थल पर माता परमेश्वरी की सुंदर मूर्ति स्थापना कर प्रतिदिन महाआरती एवं प्रसादी वितरण किया जा रहा है। देवांगन पुराण की महिमा का वर्णन करते हुए पं. संतोष राव ने कहा कि देवांगन पुराण देवांगन समाज का आदि ग्रंथ है। इसमें देवांगन समाज की ईष्ट देवी मां परमेश्वरी का धरती पर अवतरण एवं देवांगन समाज के आदि पुरुष दीपचंद व आदि माता हरणि के जन्म का वृत्तांत तथा चारों युग सतयुग, द्वापर, त्रेता एवं कलयुग में उनकी वंश वृद्धि एवं गोत्रों की उत्पत्ति का विस्तार से वर्णन किया गया है। यह पुराण देवांगन समाज के लिए पवित्र एवं पूज्यनीय है।

सात दिवसीय देवांगन पुराण कथा प्रसंग में ईष्ट देवी मां परमेश्वरी का धरती पर अवतरण, सृष्टि उत्पत्ति, देवांगन समाज के आदि पुरुष दीपचंद का जन्म एवं माता हरणि के साथ विवाह का प्रसंग कथा, वस्त्र निर्माण एवं महिषासुर वध कथा, कलिकाल में विभिन्न गोत्रों की उत्पत्ति कथा, बड़की, मंझली एवं छोटकी माता जन्म कथा, पीढ़ी पूजा एवं यज्ञ की कथा का समावेश है। कथा के सातवें एवं अंतिम दिन 16 फरवरी को हवन, सहस्त्र धारा, कुंवारी भोज, महाआरती, देवी मूर्ति विसर्जन एवं भोग भंडारा का आयोजन किया जाएगा।

 
 
 

Comentarios


©2024 Site owned by Dewangan Jan Kalyan Samiti, Bhilai Nagar

Site managed by Himanshu Infotech Group

bottom of page